उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल को महिला एवं बाल विकास विभाग चम्पावत में बतौर चौकीदार के रूप में नियुक्ति मिल गई है। आज सचिवालय में अपने कार्यकर्ताओं के गाजे-बाजे के साथ बतौर चौकीदार अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचे अजय कोठियाल ने बताया की इस नौकरी को पाने के लिए उन्हें लखनऊ की एक आउटसोर्स कंपनी को 25 हजार रुपये का डोनेशन भी देना पड़ा है। आपको बता दें की उन्हें यहां पर हर महीने 8475 रुपये का वेतन मिलेगा। कर्नल अजय कोठियाल ने बत्ताया की उन्हें यह नौकरी देने के लिए कंपनी द्वारा सिर्फ इंटरमिडिएट का एक सर्टिफिकेट मांगा गया है।
सचिवालय में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने पहुँचे कर्नल अजय कोठियाल ए स्क्वायर कंपनी द्वारा उन्हें जारी किए गए एपोयटमेंट लेटर को दिखाकर सचिवालय में प्रवेश किया और सीधे महिला एवं बाल विकास विभाग में गए जहाँ पर कुछ अधिकारीयों ने उन्हें ज्वाइन कराने से इंकार कर दिया गया। वहां बैठे अधिकारी ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह नये नये इस कुर्सी पर आये हैं।
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सचिवालय से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि रोजगार को लेकर सरकार जिस तरह युवाओं के जजबातों से खेल रही है, उसका यह एक सबसे घटिया उदाहरण है। लेट श्रीमती निर्मला सिंह सेवा समिति के मार्फत उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग में चौकीदार की नौकरी देने का एपाइंटमेंट लेटर मिला है। उन्होंने कहा कि इस नौकरी के लिए उनसे 25 हजार रुपये की घूस ली गई। लेकिन इसे घूस के स्थान पर डोनेशन का नाम दिया गया। जिसका स्पष्ट उल्लेख कंपनी के पत्र में दिया गया है। उन्होंने कहा कि दो आउटसोर्स कंपनियां लेट श्रीमती निर्मला सिंह सेवा समिति एवं ए स्क्वायर हैं, दोनों का मालिक एक ही व्यक्ति अजय प्रताप सिंह है। ये आउटसोर्स कंपिनयां युवाओं के जजबातों के साथ किस तरह खेल रहीं हैं और उनकी सरकार से किस तरह की मिली भगत हुई है, उन्होंने इसका खुलासा भी किया।
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कंपनी किस तरह युवाओं को शोषण कर रही है, इसके लिए उन्होंने कुछ युवाओं को भी सामने किया। युवाओं ने बताया कि कंपनी उनसे शुरू में डोनेशन मांगने के बाद हर साल दो महीने से अधिक वेतन के रूप में फिर डोनेशन मांगती है, न देने पर नौकरी से बाहर कर देती है। फिर नए लोगों को रखती है, उनसे भी डोनेशन लेती है। यह खेल सरकारी विभाग में खुलकर चल रहा है।
कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं के साथ यह बहुत बड़ा धोखा है। युवाओं को नौकरी देने के नाम पर जो कुछ धंधेबाजी हो रही है, वह सबके सामने है। वह सरकार के इस कारनामे को उजागर करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इसके खिलाफ यदि भूख हड़ताल भी करनी पड़े तो वह करेंगे। इस दौरान वह अपनी लाइसेंसी गन भी लेकर आए हुए थे।
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