बांगलादेश में #राजनीतिक उथल पुथल और हिन्दुओं पर, अत्याचार व न-रसंहार के बीच, भारत सरकार ने भारत बांग्लादेश मैत्री डीजल पाइपलाइन विस्तार को रोक दिया है. बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग को बिजली देने के लिए डीजल का उपयोग किया जाता है, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदान देता है. यह पाइपलाइन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के पारबतीपुर में एक तेल डिपो तक जाती है.

नकदी संकट से जूझ रहे बांग्लादेश पर पांच भारतीय बिजली कंपनियों का, एक अरब डॉलर से अधिक का बकाया है. दुसरी ओर बांगलादेश की सेंट्रल_बैंक के नवनियुक्त गवर्नर ने अंतरिम सरकार को कहा है कि अगर हमने भारत को भुगतान नहीं किया, तो बिजली देना बंद कर देंगे. (अब महज़ 30 प्रतिशत बिजली आपूर्ति किया जा रहा है)

800 मिलियन डॉलर से ज्यादा अकेले अदानी पावर का बकाया है. SEIL एनर्जी इंडिया का करीब 150 मिलियन डॉलर का बकाया है. अपने पडोसी देशों को बिजली बिक्री के मामले में मोदी सरकार के हालिया संशोधन के तहत, बिजली कंपनियों को, छुट देते हुए निर्यात के लिए बिजली को भारत की स्थानीय ग्रिड में भेज सकती हैं.. बाकी बंग्लादेश में हिन्दूओं की बर्बादी की पटकथा कहां लिखी गयी इसके मुख्य किरदार कौन कौन जल्दी अनावरण होगा समय बड़ा बलवान है।

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