नैनीताल। सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में अध्ययनरत एमबीबीएस के छात्रों ने मैस में भोजन तो किया लेकिन उसका भुगतान नहीं कर रहे हैं। लगभग तीन साल में उधार की यह रकम करीब 21 लाख रुपये पहुंच गई है। सूचना मिलने पर कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया है। कॉलेज प्रशासन ने 30 सितंबर तक बकाया भुगतान नहीं करने पर संबंधित छात्रों को छात्रावास से निष्कासित करने की चेतावनी दी है।

एमबीबीएस के विभिन्न बैचों के करीब 40 छात्रों ने वर्ष 2021 से मैस शुल्क की धनराशि जमा नहीं की है। मैस समिति ने जब हिसाब लगाया तो बकाया वर्तमान में 20 93,050 रुपये पहुंच गया है। मामला मुख्य छात्रावास अधीक्षक डॉ. आरजी नौटियाल के पास पहुंचा तो उन्होंने सभी बकायेदार विद्यार्थियों की सूची मंगवाकर नोटिस जारी कर दिया है। इसके तहत विद्यार्थियों को अंतिम अवसर देते हुए 30 सितंबर तक की देय तिथि निर्धारित कर दी है। उन्होंने बताया कि निश्चित अवधि के भीतर बकाया नहीं देने पर संबंधित छात्रों का छात्रावास से स्वत: निष्कासन माना जाएगा।

राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार को मान्यता मिलने और एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए पाठ्यक्रम शुरू करने के क्रम में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने राज्य के मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टरों का स्थानांतरण किया है। इसमें हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के पांच डॉक्टरों का भी स्थानांतरण हुआ है, जिसमें एनाटॉमी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर सिंधु चौधरी, डॉ. अभिलाषा, फिजियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम कुमारी, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की प्रो. डॉ. हेमा बेन ठक्कर और फाॅर्माक्लोजी विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. शुजाउद्दीन को नवीन तैनाती स्थल राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार में कार्यभार ग्रहण करने को गया है।

बेस अस्पताल में शुक्रवार को हड्डी और त्वचा रोग विभाग की ओपीडी बंद रहीं। वहीं, एक फिजिशियन भी डयूटी पर नहीं आए जिससे कई मरीजों को निराश लौटना पड़ा। हड्डी रोग विभाग में दो डॉक्टर तैनात हैं लेकिन शुक्रवार को दोनों ही नहीं मिले। त्वचा रोग विभाग में भी ताला लगा मिला। बेस अस्पताल के पीएमएस डाॅ. केके पांडे ने बताया कि त्वचा रोग विशेषज्ञ अवकाश पर हैं, वे शनिवार को डयूटी पर रहेंगे। इसके अलावा एक हड्डी रोग विशेषज्ञ का शुक्रवार को ओटी का दिन रहता है जबकि दूसरे अवकाश पर है। साथ ही एक फिजिशियन भी अवकाश पर हैं। वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल में 1945 मरीजों की ओपीडी रही जिसमें मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा 299 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। हड्डी रोग विभाग में 215 और त्वचा रोग में 228 मरीजों की ओपीडी रही।

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