कोटद्वार। उत्तराखंड के कोटद्वार में शुक्रवार शाम को दर्दनाक हादसा हो गया। लैंसडौन तहसील क्षेत्र में बरातियों से भरी जीप 200 फुट गहरी खाई में गिर गई। दुर्घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 10 गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में चालक समेत कुल 15 लोग सवार थे।

राजस्व उपनिरीक्षक रंजन बिष्ट और रजिस्ट्रार कानूनगो जयकृष्ण भट्ट ने बताया कि गुनियाल गांव निवासी रोहित गुसाईं की शुक्रवार को शादी थी। बसड़ा गांव से शाम को दुल्हन की विदाई हुई। इसी दौरान बरातियों से भरी मैक्स जीप सिसल्डी-सिलवाड़ मोटर मार्ग पर नौगांव के पास खाई में जा गिरी। सूचना पर लैंसडौन की एसडीएम शालिनी मौर्य, पुलिस व एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई। घायलों को निकालने में स्थानीय छात्रों ने भी सहयोग किया।

हादसे में तीन बरातियों मुकेश सिंह (35) निवासी गुनियाल, दुल्हे की मौसेरी बहन नूतन (35), धीरज सिंह (65) निवासी गुनियाल की मौत हो गई। जबकि 10 लोग घायल हैं। उन्हें उपचार के लिए बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया है। वाहन में सवार दोनों बच्चे सुरक्षित हैं। लैंसडौन विधायक दिलीप रावत अस्पताल पहुंच समुचित उपचार के निर्देश दिए। घायलों ने बताया कि वाहन चालक शार्टकट रास्ते से गांव लौट रहा था कच्ची सड़क के कारण हादसा हो गया। चर्चा यह भी थी कि चालक ने हादसे से पहले किसी दूसरे व्यक्ति को वाहन चलाने के लिए दे दिया था।

हादसे की खबर लगते ही बसड़ा और गुनियाल गांव में मातम पसर गया। बसड़ा से हंसी खुशी विदा हुई बरात दूल्हे और दुल्हन को लेकर वापस गुनियाल गांव पहुंच गई, लेकिन दूल्हे की मौसरी बहन नूतन की हादसे में मौत की खबर से गांव में मातम पसर गया। दूल्हा तो दहाड़ मारकर बिलखने लगा। सब कोई क्षेत्र की बदहाल सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं को कोस रहे थे।

जयहरीखाल के जिला पंचायत सदस्य सर्वेश कुकरेती ने बताया कि शाम को जैसे ही जीप के खाई में गिरने की खबर आई। वैसे ही लोग घटनास्थल की ओर दौड़ने लगे। जैसे-तैसे खाई में उतरकर एसडीआरएफ, पुलिस ने घायलों और मृतकों को निकाला। हादसे से दूल्हा और दुल्हन दोनों के परिवार हतप्रभ रह गए। दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत और घायलों की चीख पुकार से पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया। निजी वाहनों और 108 के जरिए घायलों को लेकर बेस अस्पताल पहुंचे परिजनों ने मौके पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत भी अस्पताल में मौजूद थे।

लोगों ने कहा कि बदहाल सड़कें और लचर स्वास्थ्य सेवाएं लोगों के दर्द को और बढ़ा रहे हैं। किसी तरह गुस्साए लोगों को शांत कराया गया। लोगों का कहना था कि हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए समय से एंबुलेंस तक नहीं मिली। वाहन चालक यदि शार्टकट से नहीं जाता तो शायद ये देखने को नहीं मिलता। विधायक दिलीप रावत ने किसी तरह लोगों को शांत कराया।

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