दिल्ली। राजधानी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण आज से लागू हो गया। यह सुबह आठ बजे से प्रभावी हुआ। वायु प्रदूषण को बढ़ता देख वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह फैसला लिया है। ऐसे में भारी वाहनों के आवागमन की पाबंदी है। हालांकि, जरूरी सामान वाले ट्रकों को प्रवेश की अनुमति मिलेगी।

दूसरी ओर सरकारी और निजी ऑफिस में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, दिल्ली और एनसीआर राज्यों की सरकारों को छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक की ऑनलाइन पढ़ाई करने की सिफारिश की है। उधर, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने छठी से 11वीं कक्षा को ऑनलाइन चलाने का फैसला लिया है। फैसले के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा पहले की तरह ही चलेगी। ऑनलाइन कक्षाएं अगले आदेश तक जारी रहेगी।

दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। हालांकि, केवल जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों और एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को आने की अनुमति रहेगी। साथ ही, ग्रैप-4 के तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान दिल्ली के आसपास के अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक, बीएस-6 वाहनों को एंट्री की इजाजत मिलेगी।

वायु प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी की दहलीज में पहुंच गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अति गंभीर श्रेणी में बना रह सकता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर रहने को अति गंभीर माना जाता है और ऐसा होने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू होता है। इसमें दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक, सिर्फ जरूरी सामान की आपूर्ति वाले सीएनजी वाहनों को प्रवेश मिलता है। दिल्ली में डीजल के हल्के और भारी माल वाहकों पर प्रतिबंध रहता है।

यह रहेगा प्रतिबंध

  • दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है।
  • दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।
  • एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते हैं।
  • एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।
  • निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक। केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
  • एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
  • राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।
  • राज्य सरकार लागू कर सकती है ऑड-ईवन योजना
  • डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध

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