मसूरी/चकराता। उत्तराखंड के पहाड़ों में बृहस्पतिवार को मौसम में आए बदलाव के बाद धनोल्टी, चकराता, बुरांशखंडा, नागटिब्बा, सुरकंडा में जमकर बर्फबारी हुई। मसूरी में बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाके लालटिब्बा, चार दुकान क्षेत्र में हल्की बर्फबारी भी हुई। इससे क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। बृहस्पतिवार को मसूरी में सुबह बारिश और सात हजार फीट ऊंचाई वाले लालटिब्बा, चार दुकान क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हुई।हालांकि, बर्फ ज्यादादेर तक टिक नहीं पाई।
बर्फ गिरते देख स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों में उत्साह दिखाई दिया। मसूरी में ठंड से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। उधर, धनोल्टी, चकराता, बुरांशखंडा में झमाझम बारिश के बाद जमकर बर्फ पड़ी। धनोल्टी में घर की छतों, वाहनों, पेड़, पौधों पर बर्फ जम गई। पहाड़ बर्फ की सफेद चादर में लिपट गए।
बुरांशखंडा निवासी सुरेश कोहली ने बताया कि बर्फबारी के बाद क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। सुबह साढ़े आठ बजे बिजली गायब हो गई थी, जो दोपहर बाद तीन बजकर 20 मिनट पर आई। इसके दस मिनट बाद फिर बिजली गायब हो गई। इससे सैलानियों और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, मसूरी में हल्के ओले भी पड़े। शहर में बर्फबारी का इंतजार कर रहे लोगों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी।
उधर, त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग के 10 किलोमीटर हिस्से में बर्फ जम जाने से एक घंटा यातायात बाधित रहा। बर्फबारी से पूरे क्षेत्र के पहाड़, गांव, रास्तों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। सीजन की इस सातवीं बर्फबारी से क्षेत्र के किसानों व पर्यटन कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। लोखंडी, असमाड़, मोईला टॉप, बुधेर, खडंबा, देवबन, कावतालानी, जाड़ी आदि स्थित पहाड़, रास्ते, घर-मकानों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से क्षेत्र के जंगलों में खड़े बांज, बुरांश और देवदार के पेड़ लकदक हो गए। बर्फबारी से क्षेत्र के जंगलों में खड़े बांज, बुरांश और देवदार के पेड़ लकदक हो गए। इस दौरान क्षेत्र में मौजूद पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।