नई दिल्ली। बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने सस्ते दाम में हवाई टिकट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के सरगना लाजपत नगर निवासी सलमान सईद सिद्दीकी और साथी विरार ईस्ट, मुबंई निवासी रोहित राजाराम को गिरफ्तार किया है। मूल रूप से प्रयागराज, यूपी निवासी सरगना सईद सिद्दीकी मुंबई में भी इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जेल से निकलने के बाद उसने दिल्ली में अपना ठिकाना बनाया और ठगी को अंजाम देने लगा।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर दिल्ली से टोरंटो के लिए सस्ते दामों पर हवाई टिकट का विज्ञापन देखा। वहां एक लिंक था, जिसको क्लिक करते ही उनकी वर्चुअल नंबर पर व्हाट्सएप पर चैट होने लगी। जालसाजों ने उन्हें सस्ते दाम पर कनाडा का टिकट देने की बात कही और फिर उनका विवरण लिया। आरोपियों ने सबसे सस्ती कीमत पर दिल्ली से टोरंटो का हवाई टिकट बुक किया। फिर शिकायतकर्ता से करीब 48 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए, लेकिन बाद में टिकट फर्जी निकला।
शिकायत मिलने के बाद निरीक्षक रमन कुमार सिंह के नेतृत्व में साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने संदिग्ध नंबरों और बैंक खातों में पंजीकृत मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल प्राप्त की। जिसके जरिये पुलिस टीम ने मुंबई के चर्नी रोड और विरार ईस्ट में छापे मारे। जहां से आरोपी रोहित राजाराम घनेकर व सलमान सईद सिद्दीकी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद रोहित को मुंबई और सलमान को लाजपत नगर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इनके कब्जे से 12 मोबाइल, तीन लैपटाॅप, 22 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 6 चेकबुक, 4 वाईफाई राउटर, एक टैब फोन, एक वाईफाई पॉड, स्टाम्प और तीन सिम कार्ड बरामद किए हैं।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया है कि वह दिल्ली में अब तक 20 लोगों से ठगी कर चुका है। दिल्ली पुलिस ने नेशनल क्राइम पोर्टल से इस तरह की और शिकायतों के बारे में जानकारी मांगी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इसमें शिकायतकर्ताओं की संख्या बढ़ सकती है। जांच में पता चला कि सलमान सईद सिद्दीकी को इसी तरह के ठगी के एक मामले में ग्रेटर मुंबई के सहार थाना पुलिस 2023 में 16 आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था। जिसमें उसने सस्ती अंतरराष्ट्रीय टिकटें देने का लालच देकर लोगों को ठगा था।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जेल से निकलने के बाद उसने अपना ठिकाना मुंबई से बदलकर दिल्ली कर लिया। उसने फेसबुक पर अपने फर्जी ट्रैवल एजेंसी का विज्ञापन दिया। इसमें उसने सस्ते एयरलाइन टिकट देने का वादा किया। आरोपी खुद को एक वैध ट्रैवल एजेंट के रूप में पेश करते हुए अनजान ग्राहकों को कॉल करने के लिए वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करता था। इन कॉल का उद्देश्य पीड़ितों को फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए लुभाना था।