जहां एक तरफ पूरी दुनिया कोरोनावायरस के कहर से सदमे में थी तो वहीं उत्तराखंड में चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम में एक ऐसी ही अद्भुत और चमत्कारी घटना देखने को मिली जिसे देखकर भारत के तीर्थ पुरोहित भी हैरान रह गए थे।
आपको बता दें कि देश भर में लोक डाउन होने की वजह से चार धाम यात्रा को इस बार काफी देरी के साथ खोला गया था और सीमित श्रद्धालुओं को ही चार धाम में यात्रा करने की अनुमति थी लेकिन जब चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई की सुबह को 4:30 बजे खोले गए थे तब वहां एक बहुत ही चमत्कारी चीज देखने को मिली थी और वह चमत्कार यह था कि भगवान बदरीनारायण की मूर्ती पर लगा घी का लेप जस का तस था। बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी श्री भुवन चंद्र उनियाल जी ने बताया कि जब साल में बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते हैं तब भगवान बदरीनाथ की मूर्ति को दरियुक्त कंबल ओर घी का लेप ढक दिया जाता है और फिर 6 माह बाद वापस कपाट खोले जाते हैं।
इस साल भी जब मई के महीने में भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुले थे तो इस साल वहां बद्री नारायण की मूर्ति पर लगाया गया पिछले साल का घी लेप यथावत ऐसे ही था जिसे की काफी शुभ माना जाता है।
भुवन चंद्र उनियाल जी का कहना है कि इससे पहले बहुत कम बार ऐसा देखने को मिलता था की जब भगवान बद्री नारायण की मूर्ति पर घी उसी स्थिति में वैसा ही मौजूद हो जैसा कि कपाट बंद होने के टाइम पर लगाया गया था। उनका कहना है कि इतनी बर्फबारी और ठंड के बाद भी यदि वह घी नहीं सुखा तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। आपको बता दें कि भगवान बद्रीनाथ के कपाट 15 मई को खोले गए थे जिसमें की कुल 28 लोग शामिल थे और भगवान बद्रीनाथ के मंदिर को उस दिन 10 क्विंटल से भी ज्यादा गेंदे के फूलों से सजाया गया था।