देशभर में लॉक डाउन 3.0 के बीच एक ऐसी घटना सामने आयी है जिसे पढ़कर आपकी भी रूह कांप जाएगी,जी हाँ अलीगढ की एक महिला मजदूर अपनी प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में ही चंडीगढ़ से मध्यप्रदेश के लिए पैदल ही चल पड़ी. करीब 180 किलोमीटर चलने के बाद इस महिला को प्रसव पीड़ा महसूस हुई तो इस महिला ने अपने साथियों की मदत से सड़क किनारे एक बच्ची को सकुशल जन्म दे दिया।
हैरत की बात तो यह है की बच्ची को जन्म देने के बाद भी यह महिला रुकी नहीं और एक घंटे के आराम के बाद नवजात बच्ची को लेकर आगे के सफर पर निकल पड़ी,जिक्से बाद वह 270 किलोमीटर चलकर अलीगढ पहुंची और यहां कुछ देर आराम करने के बाद थोड़ा थोड़ा आराम करते हुए उसने मध्यप्रदेश तक का सफर तय करने का निश्चय कर लिया जिसकी दूरी लगभग 1100 किलोमीटर की है.
अलीगढ़ में लोगों के पूछे जाने पर इस महिला ने बातया की उसका नाम मान कुमार है,और वह छह दिन बच्ची को गोद में लेकर यहाँ तक पहुंची है। वह अपने पति के साथ चंडीगढ़ में रहती है।देशभर में लॉकडाउन के चलते उनके सामने खाने-पीने की चीज़ों का संकट खड़ा हो गया था बहुत सोचने के बाद भी कुछ हल या मदत नहीं मिली तो उसने प्रेग्नेंसी का नौवां महीना होने के बावजूद भी अपने पति के साथ चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश तक का पैदल सफर तय करने का निश्चय किया। साथ ही महिला का कहना था की इससे पहले भी वह पांच दिन पूर्व भी करीब 200 किलोमीटर की यात्रा करके रुड़की पहुंची थी.
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अलीगढ़ में पहुँचते ही स्थानीय लोगों ने महिला की पूरी मदत की और नवजात बच्ची,उसकी माँ और चंढीगढ़ से आये करीब 50 लोगों को पुरे सामान के साथ खाना खिलाकर आगे की मंजिल के लिए रवाना कर दिया।
मान कुमारी के पति संजय कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया की यह यात्रा बेहद कठिन और संघर्ष भरी थी लेकिन हमने रास्ते में कई ऐसी दयालुता भी देखी जिन्हें हम उम्र भर नहीं भूल सकते। साथ ही उनका कहना था की लॉक डाउन के चलते उन्हें उनके रोजगार से भी हाथ धोना पड़ा और अब तो उनके पास रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया था तो ऐसे में उन्हें अपने गाँव जाना ही बेहतर लगा।
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