उत्तराखंड में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियों के अंदर कार्यकर्ताओं में भी जमकर घमासान देखने को मिल रहा है। बीते दिनों हरीश रावत ने ट्विटर पर एक ट्वीट करके उत्तराखंड की राजनीति में तहलका मचा दिया। जिसके बाद कांग्रेस में जमकर गुटबाजी सामने आई।
गुरुवार को कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड के सभी बड़े नेताओं हरीश रावत, यशपाल आर्य, गणेश जोशी, प्रीतम सिंह और योगेंद्र यादव को दिल्ली तलब किया। जिसके बाद आज शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनकी मुलाकात है। एक ओर जहां कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली में हैं तो वहीं प्रदेश की राजधानी देहरादून में कांग्रेस भवन में भी जमकर कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी का असर देखने को मिला।
शुक्रवार को यहां हरीश रावत के समर्थकों और बाक़ी कॉंग्रेसी समर्थक आपस में भिड़ गए जिसके बाद पार्टी प्रदेश कार्यालय में हुड़दंग का माहौल बन गया। वहीं पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र शाह ने हरीश रावत के समर्थकों पर हाथापाई का आरोप लगाया है।
अब देखना यह होगा कि अपने 2022 के चुनाव की तैयारी में लगी कांग्रेस पार्टी इस अंदरूनी गुटबाजी से कितनी जल्दी बाहर निकल पाती है…? या कहीं इस गुटबाज़ी का कोई दुष्परिणाम निकलता है।