उत्तराखंड के ऋषिकेश में 1 मार्च से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। योग नगरी में आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल के लिए सरकार ने देश-विदेश की कई हस्तियों को आमंत्रित किया है।
आपको बता दें कि पिछले साल कोरोनावायरस की वजह से यह योग फेस्टिवल डाल दिया गया था । लेकिन अब उत्तराखंड में कोरोनावायरस के मामले भी कम है और सब कुछ पहले की तरह नॉर्मल हो चुका है। ऐसे में सरकार ने इस आयोजन को मंजूरी दे दी है ।
महाराज की गुजारिश
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का ऐलान करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लोगों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में इस योग महोत्सव में भाग लें। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आप पुरातन योग पद्धति व आयुर्वेद के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां प्राप्त करेंगे।
कई हस्तियां शामिल
इस योग महोत्सव में स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, सिस्टर बी के शिवानी,स्वामी परमानंद,गुरु गोपाल दास, आचार्य बालकृष्ण, स्वामी आत्मा स्वरूपानंद,ग्रैंड मास्टर अक्षर जैसे गुरु शामिल होंगे। वहीं संगीत के क्षेत्र से सुष्मित सेन,रितेश एंड रजनीश मिश्रा, इंदिरा मलिक, त्रिभुवन महाराज, सुमित कुटनी, हंसराज रघुवंशी जैसे नाम शामिल होंगे। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में स्पेशल हेल्थ सेशन की जिम्मेदारी मास्टर सेफ-1 की विजेता रह चुकी पंकज भदौरिया को दी गई है।
अपनों को मंच नहीं
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के लिए जारी किए गए पोस्टर के चेहरों पर एक नजर डाली जाये तो इसमें कहीं भी उत्तराखंड से जुड़ा हुआ कोई नाम नजर नहीं आया, जो कि थोड़ा अचरज जरूर करता है। सवाल यह भी उठता है कि क्या सरकार को उत्तराखंड से कोई ऐसा कलाकार नहीं मिला जिसे इस पोस्टर में शामिल किया जा सकता था ? या सरकार ने हमारे इन कलाकारों व नये संगीतकारों की कोई अहमियत ही नहीं समझी। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि हर बार की तरह इस आयोजन को भी सरकार बाहरी कलाकारों के साथ करना चाहती है और अपने कलाकारों और टैलेंट को नजरअंदाज कर रही है। खैर कलाकार तो शायद बाद में नाम पूर्ति के लिए शामिल किए भी जाएं लेकिन क्या सरकार को हमारे उत्तराखंड के प्रसिद्ध और वर्ल्ड मास्टर शेफ विकास कुरियाल भी नजर नहीं आए..? जो उन्हें बाहर से पंकज भदौरिया को बुलाना पड़ा। आपको बता दें कि लखनऊ की रहने वाले पंकज भदोरिया पहले पैशे से एक टीचर थी जो कि साल 2010 में स्टार प्लस पर आयोजित हुए मास्टर सेफ-1 की विजेता चुनी गई थी। अब सवाल यह है कि जब सरकार ही हमारे कलाकारों व हमारे लोगों को अपने यहां अपने क्षेत्र मैं मौका नहीं देगी तो बाहर कहां और किस से उम्मीद की जा सकती है । इस मामले पर आपकी क्या राय है हमें आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ।