कानपुर। कानपुर में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की सरकारी मुहिम कमजोर पड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर पिछले तीन महीने से पोषाहार वितरण ठप है। इससे कुपोषण का असर बच्चों के वजन और कद पर पड़ रहा है।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से नवंबर माह में बच्चों की जांच कराई गई, तो 22180 बच्चे कुपोषित और 4466 अतिकुपोषित मिले हैं। अब जनवरी में पोषाहार आने के बाद वितरण होगा। जिले में 2134 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत छह वर्ष तक के 174138 बच्चों, 19236 गर्भवती व धात्री को पुष्टाहार के तौर पर दलिया, दाल व वनस्पति तेल उपलब्ध कराया जाता है।
घर-घर पोषाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि सितंबर माह में पोषाहार वितरण का मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद केंद्रों पर पुष्टाहार नहीं पहुंच रहा है। दिसंबर माह में इस मामले में फैसला आ चुका है, अब जनवरी से तीनों माह का पुष्टाहार अलग-अलग तारीखों में वितरित किया जाएगा।