आगरा। सरकारी राशन के चावल की तस्करी करने वाले खेरागढ़ के जिस माफिया पर नकेल कसने में कमिश्नरेट पुलिस फेल हो गई, उसे राजस्थान पुलिस ने रविवार को रूपवास में गिरफ्तार किया। आठ गुर्गों के साथ उसे जेल भेजा गया है। माफिया से 300 बोरी चावल लदा ट्रॉला व दो कार भी जब्त की गई हैं। सरकारी चावल तस्कर सुमित अग्रवाल के विरुद्ध आगरा के विभिन्न थानों में राशन की कालाबाजारी के आधा दर्जन मुकदमे हैं। 10 सितंबर को अछनेरा के रायभा में एक घर में संचालित गोदाम में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) की सरकारी मुहर लगी 62 बोरियों सहित 270 बोरी चावल पूर्ति विभाग ने जब्त की थी। सुमित अग्रवाल व उसके जीजा मनीष अग्रवाल के विरुद्ध केस दर्ज कराया।

आगरा कलेक्ट्रेट में तैनात तत्कालीन एडीएम नागरिक आपूर्ति सुशीला अग्रवाल से दोनों माफिया की रिश्तेदारी की बात सामने आई थी। जिसके बाद एडीएम को आगरा से हटा दिया गया। लेकिन, एक महीने तक सुमित को कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। 11 अक्तूबर को डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने सुमित की गिरफ्तारी का खुलासा किया, लेकिन दो दिन बाद सुमित छूट गया। दो दिन में छूटने के बाद सुमित ने फतेहपुर सीकरी बॉर्डर पर स्थित रूपवास में अड्डा बनाया।

जहां किरावली व खेरागढ़ से चावल इकठ्ठा कर रूपवास के मिलिस्वां में भंडारण किया जा रहा था। भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा के निर्देश पर राजस्थान पुलिस ने टीम के साथ छापा मारकर सुमित अग्रवाल सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का 300 बोरी चावल, एक ट्रॉला व दो कार जब्त की गई हैं। माफिया राशन के चावल को गुजरात भेजने की फिराक में था। खेरागढ़ के पीपलखेड़ा के अलावा कमला नगर, बल्केश्वर में भी माफिया रह रहा था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमिश्नरेट पुलिस को राशन माफिया के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, किसी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। चावल माफिया के सिंडिकेट में सुमित व अमित अग्रवाल, मनीष अग्रवाल के अलावा रामबाग का कुनाल, खंदारी का ओम प्रकाश गुप्ता, फरह का एफसीआई ठेकेदार गौरव अग्रवाल, हरिओम उर्फ झब्बू, मोहनलाल, पवन कुमार, बझेरा का शेरू, बरारा का लोकेश, संजू और नैनू, सेक्टर-7 निवासी हरीश उर्फ हर्रो, मलपुरा का हेमेंद्र उर्फ गोपाल आदि के शामिल होने का आरोप है।

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