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कलाई पर कलावा… आनंद नाम बता आलिम ने छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया; बरेली लव जिहाद केस की पूरी कहानी

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बरेली। सुप्रीम कोर्ट ने ‘लव जिहाद’ से जुड़े जिस मामले में बरेली कोर्ट की ओर से मुस्लिम समुदाय के लिए की गई टिप्पणियों को साक्ष्य आधारित मानते हुए हटाने से इन्कार किया है, वह मामला बरेली के देवरनियां थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाली एक छात्रा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह शहर के राजेंद्र नगर के एक इंस्टीट्यूट में कंप्यूटर कोचिंग पढ़ने आती थी। उसके साथ जादौपुर से भी एक लड़का आता था। वह अपना नाम आनंद बताता था और हाथ में कलावा बांधता था।

दोनों साथ आते-जाते थे तो जान-पहचान हो गई। इसके बाद शादी का झांसा देकर उसने प्रेम जाल में फांस लिया। 13 मार्च 2022 को सुबह 10 बजे बाइपास स्थित राधाकृष्ण मंदिर ले गया और वहां उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। इसके बाद रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पास अपने दोस्त तालिम के कमरे पर ले गया। वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। साथ ही, अश्लील वीडियो और फोटो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देने लगा। इसके बाद सौ फुटा रोड स्थित होटल में ले जाकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इस बीच वह गर्भवती हो गई।

एक दिन वह जादौपुर गई तो पता चला कि उसका सही नाम मोहम्मद आलिम है। आलिम के परिजनों ने उस पर गर्भपात का दबाव बनाया। मना करने पर उससे गाली-गलौज की और धक्के मारकर घर से निकाल दिया। पांच मई 2023 को आलिम ने उसे गर्भपात की दवा खिला दी। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। 11 मई को उसे एक नर्सिंग होम में ले जाकर आलिम ने उसका गर्भपात करा दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आलिम को नाम बदलकर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और गर्भपात का दोषी पाते हुए उम्रकैद और 10 साल कैद की सजा सुनाई। उसके पिता को धमकाने का दोषी करार देते हुए दो वर्ष कैद की सजा सुनाते हुए टिप्पणी की थी।

कोर्ट ने कहा कि प्रश्नगत प्रकरण लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण का मामला है। लव जिहाद में मुस्लिम पुरुष शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण के लिए हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं। जैसे कि मोहम्मद आलिम ने अपना नाम आनंद बताकर पीड़िता को धोखे में रखकर उससे शादी और बलात्कार किया। लव जिहाद के लिए काफी मात्रा में पैसे की जरूरत होती है।

अत: विदेशी फंडिंग के तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके जरिये देश में पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करने की साजिश रची जा रही है। इसका मकसद जनसांख्यिकी बदलना और अंतरराष्ट्रीय तनाव को भड़काना है। यह देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

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