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‘मैं मजबूरन फांसी लगा रहा’, धमकियों के डर से की आत्महत्या…सुसाइड नोट में खुले राज

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जयपुर। झालवाड़ में एक पत्नी ने अपने पति को फंसाने के लिए पहले अपने बच्चे को मारा, फिर खुद ने फांसी लगा ली। इसके बाद पति ने अपने ससुराल वालों के डर से अपने बड़े बेटे सहित खुद को भी फांसी के फंदे पर लटका लिया। यह दिल दहलाने वाली घटना मंगलवार को झालवाड़ में सामने आई। एक परिवार के चार लोगों की मौत से गांव में मातम पसर गया। हालांकि घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट ने एक राज खोला है। ये नोट मृतक नागूसिंह ने फांसी लगाने से ठीक पहले लिखा।

इसमें उन्होंने लिखा…जब मैं उठा तो देखा मेरी पत्नी ने छोटे बेटे को मार कर फांसी लगा ली। मैं भी फांसी लगाने को मजबूर हूं, क्योंकि मेरे बीच इस बारे में बात हुई थी। उसके माता-पिता और बेडला के गोवर्धन सिंह ने यह बात कही थी कि हमारी लड़की को कुछ हो गया तो तुम दोनों बाप-बेटे को जिंदा जला देंगे। इसकी गवाही रामसिंह पदमाखेड़ी और गोवर्धन सिंह बेडला और मेरे गांव का दशरथ सिंह, भैरूसिंह देगा। इसी बात का डर था।

जानकारी के अनुसार, फांसी के फंदे पर तीन शव मिले और सात साल के बच्चे का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। बताया जा रहा है कि सबसे पहले अपने 2 वर्षीय बालक का गला घोंटा, उसके बाद दंपती नागु सिंह एवं उसकी पत्नी संतोष और एक 7 वर्षीय बालक युवराज ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मामला पारिवारिक विवाद का ही माना जा रहा था। अब सुसाइड नोट में इसका खुलासा भी हो गया। पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने बताया कि गंगधार थाना क्षेत्र के जेताखेड़ी गांव निवासी नाथू सिंह पुत्र शिव सिंह उसकी पत्नी संतोष और एक 7 वर्षीय बालक युवराज एवं 2 वर्षीय बालक, एक साथ रहते थे।

इनकी पैतृक जमीन को लेकर परिवार में ही विवाद चल रहा था। इसी गृह क्लेश के चलते नाथू सिंह उसकी पत्नी संतोष एवं 7 वर्षीय बालक युवराज ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने पहले इन्होंने दो वर्षीय बालक का भी गला घोंट कर मौत के घाट उतार दिया।

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