रामनगर। अल्मोड़ा बस हादसे में पिता की मौत हो गई लेकिन अबोध बच्चों को पता नहीं कि उनके सिर से पापा का साया उठ गया है। घर में सांत्वना देने पहुंच रहे लोगों की भीड़ में बेटा-बेटी की आंखें अपने पिता को ढूंढती नजर आईं। हादसे में पति की मौत से पत्नी भी बेसुध हैं।

पीरूमदारा क्षेत्र के पार्वतीकुंज निवासी पुजारी गिरीश चंद्र ढौंडियाल की बस हादसे में मौत हो गई थी। वह मधुबन कॉलोनी निवासी यजमान देवेंद्र नेगी व वीरेंद्र सिंह के साथ बराथ गांव में पूजा करने गए थे। शोक जताने के लिए पहुंच रहे लोगों की भीड़ गिरीश चंद्र के घर के बाहर नजर आई।

इस दौरान उनकी छह वर्षीय बेटी गुंजन घर के बाहर कुर्सियों के पास खेल रही थी, शायद उसे नहीं पता था कि अब पापा फिर घर नहीं आएंगे। घर पर आए लोगों की आंखें भी बच्चों को देखकर नम हो रही थीं। चार वर्षीय बेटा लक्ष्य है। रिश्तेदार गणेश शास्त्री ने बताया कि पुजारी गिरीश चद्र ढौंडियाल की पत्नी लक्ष्मी देवी थैलीसैंण ब्लॉक के गांव लिंगूड़िया की प्रधान हैं। गिरीश समय-समय पर गांव जाकर जनता की सेवा भी करते थे।

अल्मोड़ा के जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 घायल हैं। रामनगर अस्पताल से छह यात्रियों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया। 11 को अन्य जगह रेफर किया गया है। नौ लोग रामनगर अस्पताल में उपचाराधीन हैं। खतरनाक मोड़ पर बस मोड़ते समय कमानी टूटने को हादसे की वजह बताया जा रहा है।

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