आगरा। पुलिस घर पर आई, पति को अपने साथ ले गई। मना किया लेकिन कोई नहीं माना। पुलिस चाैकी में पति के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। उनको पीट-पीटकर मार डाला। मेरा सब कुछ लुट गया। अब बच्चों का पालन पोषण काैन करेगा? पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस लिखा जाए। पुलिस हिरासत में मरने वाले केदार सिंह की पत्नी चंद्रकांता ने रोते हुए यही पीड़ा व्यक्त की।

चंद्रकांता लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहुंची थीं। परिजन उन्हें किसी तरह संभाल रहे थे। केदार सिंह घर के पास ही आटा चक्की चलाते थे। उनके दो बेटे देवेंद्र और गजेंद्र के अलावा 6 बेटियां हैं। परिजन ने बताया कि दोपहर में पुलिसकर्मी केदार सिंह को पकड़कर ले गए। नहीं बताया क्यों ले जा रहे हैं। पहले जीप में बैठाया फिर बाइक पर बैठाकर एक पुलिसकर्मी लेकर गया। केदार सिंह के पौत्र आकाश ने बताया कि वह बैंक से रुपये निकालकर लाैट रहा था। तभी बाबा को चाैकी के बाहर पड़ा देखा। उन्हें पुलिसकर्मी ऑटो में ले जा रहे थे। बाद में उनकी माैत का पता चला।

पता चलने पर ग्रामीण सबसे पहले कबीस पुलिस चाैकी पहुंचे। पुलिसकर्मी ताला बंदकर भाग चुके थे। नारेबाजी करते हुए लोगों ने नूरपुर रोड पर जाम लगा दिया। कुछ ही देर में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हंगामा शुरू कर दिया गया। ईंट-पत्थर रख दिए। पत्नी चंद्रकांता भी पहुंच गईं। अन्य महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर ग्रामीणों के जाम लगाने से 10 किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। वाहनों में प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालु, पर्यटक और एंबुलेंस में फंसे मरीज शामिल थे। जिसने वाहन निकालने की कोशिश की, उसके पीछे गुस्से में लोग दौड़ पड़ रहे थे। पुलिसकर्मी भी कुछ नहीं कर पा रहे थे।

कबीस पुलिस चाैकी से 5 किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेस-वे की नदाैता पुलिया है। ग्रामीणों ने वहां पत्थर रखकर हंगामा किया। महिलाएं सड़क पर बैठ गईं। पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इससे आगरा से लखनऊ की तरफ 7 किमी और लखनऊ से आगरा की तरफ 3 किमी तक वाहनों की कतार रही। डीसीपी पूर्वी जोन अतुल शर्मा ने लोगों को समझाया। परिजन का कहना था कि पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर हत्या की है। उन पर केस दर्ज कर कार्रवाई हो। मृतक के बेटे को सरकारी नाैकरी और मुआवजा मिले।

जाम में फंसे एक कार चालक को कुछ लोगों ने बाहर निकालने का प्रयास किया। चालक गाड़ी को बैक कर पीछे ले गया। इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोग कार के पीछे भाग रहे हैं। दो घंटे बाद डीसीपी ने आश्वासन दिया, तब लोग हटने के लिए तैयार हुए। गांव में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है।

कबीस चाैकी पर मृतक की बेटी नीतू ग्रामीणों के साथ पहुंची थी। इस दाैरान फोर्स भी पहुंच गई। थाना फतेहाबाद के निरीक्षक डीपी तिवारी से ग्रामीण आक्रोश जताने लगे। बेटी पुलिसकर्मियों से भिड़ गई। देर तक हंगामा होता रहा। चाैकी में प्रभारी सिद्धार्थ कुमार अंदर माैजूद थे। बाहर से ताला लगा था। ग्रामीणों को रोककर किसी तरह प्रभारी को पीछे के गेट से निकालकर बाइक से दूर भेजा गया। पता चलने पर कुछ लोगों ने पीछा किया लेकिन प्रभारी को रोक नहीं सके।

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