शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों से मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार है। विभाग ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने चार पुलिस कर्मचारियों को देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से गहन प्रशिक्षण दिलाया है। इनमें दो महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जिनमें से मनु प्रदेश की पहली आधिकारिक साइबर कमांडो बनकर उभरी हैं। मनु के साथ ही मधु शर्मा, आकाश ठाकुर और राम शर्मा ने भी साइबर अपराधों से निपटने का छह महीने का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ये चारों अब साइबर स्टेशन शिमला में अपनी सेवाएं देंगे और प्रदेश के नागरिकों के साथ होने वाली साइबर धोखाधड़ी के मामलों की जांच और समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

तीन साइबर कमांडो राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात से प्रशिक्षण करके लौटे हैं जबकि एक ने राष्ट्रीय फाॅरेंसिक विज्ञान विवि गांधीनगर गुजरात से प्रशिक्षण हासिल किया है। गृह मंत्रालय साइबर अपराध से लड़ने के लिए देशभर में साइबर कमांडो तैयार कर रही है। इसका मकसद भविष्य में साइबर अपराध के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए विशेष फोर्स का गठन करना है, जो कि इस तरह के अपराध के मामलों को सुलझाने में महारत हासिल कर सकें।

प्रशिक्षण के दौरान साइबर कमांडो को छह महीने तक वर्चुअल मशीन पर साइबर स्पेस से जुड़ी आधुनिक और जटिल तकनीकों के बारे में अवगत करवाया जाता है। इसमें सर्टिफाइड एथिकल हैकर, सर्टिफाइड फाॅरेंसिक इन्वेस्टिगेटर के कोर्स करवाए गए हैं। पहले बैच में प्रदेश को दस साइबर कमांडो मिलेंगी जबकि अगले बैच में 27 और चयनित पुलिस कर्मी साइबर कमांडो का कोर्स करने के लिए जाएंगे।


साइबर अपराध से लड़ने के लिए पुलिस कर्मचारियों को देश के नामी उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण करवाया जा रहा है। प्रदेश को पहले चार साइबर कमांडो मिल गए हैं। मनु प्रदेश की पहली साइबर कमांडो बनी हैं। अगले बैच में 27 पुलिस कर्मचारी साइबर कमांडो का कोर्स करने के लिए जाएंगे। साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए साइबर क्राइम हर मोर्चे पर काम कर रहा है।-मोहित चावला, डीआईजी साइबर क्राइम

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