शाहजहांपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला एक पत्र सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। यह पत्र उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजा गया था। पत्र में मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई थी और खुद को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से प्रशिक्षित एजेंट बताया गया था।
इस धमकी भरे पत्र में आरोपी ने दावा किया कि वह और उसके साथी अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के एनकाउंटर का बदला लेने आए हैं। पत्र में यह भी लिखा था कि 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ा देंगे। जैसे ही यह पत्र पुलिस के हाथ लगा, पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की गई। सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने जांच को तेज किया। जांच के दौरान यह पत्र जलालाबाद थाना क्षेत्र के गुनारा गांव से जुड़ा पाया गया।
पुलिस ने इस मामले में अजीम नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है। अजीम गुनारा गांव का रहने वाला है। पूछताछ में अजीम ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसने यह पत्र खुद लिखा था और खुद को आईएसआई एजेंट बताकर मुख्यमंत्री को धमकी दी थी। अजीम का उद्देश्य किसी आतंकी घटना को अंजाम देना नहीं था, बल्कि वह गांव के ही दो लोगों – आबिद अंसारी और मेहंदी अंसारी को फंसाना चाहता था। अजीम और आबिद के बीच जमीन को लेकर पुरानी रंजिश चल रही थी। इसी वजह से उसने यह चाल चली कि पुलिस उन दोनों को गिरफ्तार कर ले।
धमकी भरे इस पत्र में आबिद और मेहंदी अंसारी का नाम लिखा गया था और बताया गया था कि दोनों पाकिस्तानी एजेंट हैं और उन्होंने पाकिस्तान में जाकर आईएसआई से ट्रेनिंग ली है। पत्र में लिखा गया था कि वे दोनों अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की मौत का बदला लेने भारत आए हैं। साथ ही, 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। पत्र मिलते ही शाहजहांपुर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। पुलिस ने पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया और साइबर टीम को सक्रिय कर दिया। तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस को अजीम पर शक हुआ और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।
पुलिस के मुताबिक अजीम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसका मकसद सिर्फ अपने विरोधियों को फंसाना था, न कि कोई आतंकी वारदात करना। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और आगे की पूछताछ जारी है। जांच में यह भी साफ हुआ कि पत्र में किया गया आईएसआई कनेक्शन पूरी तरह से फर्जी था। आरोपी ने डर और भ्रम फैलाने के मकसद से खुद को पाकिस्तानी एजेंट बताया था।
हालांकि पत्र फर्जी निकला, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को लेकर सतर्क हो गई हैं। मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है और जिले भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यह मामला न सिर्फ मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे निजी दुश्मनी के चलते कुछ लोग कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कर सकते हैं। पुलिस की सतर्कता से समय रहते मामला सुलझा लिया गया, वरना अफवाहों और डर का माहौल फैल सकता था।