जालंधर। यूरोप में उम्दा नौकरी का सपना दिखाकर पंजाब समेत भारत के कई सूबों के युवाओं को विदेश में साइबर गुलाम बनाया जा रहा है। साइबर ठग फर्जी एजेंटों के जरिये विदेश जाने को बेताब युवाओं को इस दलदल में फंसा रहे हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, करीब 30 हजार भारतीय युवाओं को विदेश में साइबर गुलाम बनाने की आशंका है। इनमें पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल के युवा भी शामिल हैं।

जालंधर के मंदीप ने सोशल मीडिया पर इटली में नौकरी का विज्ञापन देखा। ऑनलाइन लिंक पर जाने के बाद मंदीप ने जानकारी भरी। इसके बाद साइबर अपराधियों ने उसे फर्जी फोन कॉल करनी शुरू कर दी। अहसास करवाया कि लाखों की नौकरी उसका इंतजार कर रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध का हवाला देकर उसे पंजाब के कुछ अन्य युवाओं के साथ आर्मेनिया से इटली भेजने की बात की, लेकिन फर्जी ट्रेवल एजेंटों ने उसे इटली भेजने के बजाय रूस की सेना में भर्ती करवा दिया।

मंदीप के भाई जगदीप कुमार ने बताया कि मंदीप के साथ गए कई युवाओं को कंबोडिया में कैद कर यहां उन्हें साइबर अपराध के दलदल में उतार दिया गया। जगदीप के अनुसार, वह मंदीप को सही-सलामत वापस लाने के लिए ट्रेवल एजेंटों को 35 से 40 लाख रुपये दे चुके हैं, लेकिन उनके भाई का कोई पता नहीं है। उन्हें आशंका है कि रूस की सेना से छूटने के बाद उसका भाई भी कंबोडिया या किसी अन्य देश में साइबर गुलाम बना दिया गया है।

इसी बीच, हाल ही में पंजाब पुलिस ने विदेश से चल रहे साइबर ठगी के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के मास्टरमाइंड विदेश में नौकरी तलाश रहे युवाओं को अपने जाल में फंसा कर उन्हें डाटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य नौकरी दिलाने का पहले झांसा देते थे। उनके जाल में फंसने वाले युवाओं को कंबोडिया और दक्षिण पूर्वी एशिया के किसी अन्य देश भेजा जाता।

यहां पहुंचने पर पासपोर्ट जब्त कर युवाओं को साइबर ठगी के गिरोह में शामिल करा लिया जाता था। इसी कड़ी में पंजाब पुलिस ने अवैध तरीके से लोगों को कंबोडिया और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में भेजने वाले दो ट्रेवल एजेंटों को मानव तस्करी करने के आरोप में दबोचा था। मोहाली के वीजा पैलेस इमिग्रेशन के मालिक अमरजीत और उसके साथी गुरजोध सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

केंद्र सरकार की एजेंसियों के मुताबिक, विजिटर वीजा पर विदेश गए करीब 30 हजार लोग अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और वियतनाम में विजिटर वीजा पर जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच 73,138 लोग भारत से गए थे। भारत वापस न लौटने वालों में सबसे ज्यादा लोग पंजाब (3,667), महाराष्ट्र (3,233), तमिलनाडु (3,124) से हैं। आशंका है कि इनमें कई को साइबर ठगी में लगा दिया है।

एनआईए के राडार पर पंजाब के एजेंट : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मानव तस्करी और साइबर ठगी के मामले में पंजाब में 17 संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे। संदिग्धों की पहचान कंबोडिया में भारतीय एजेंटों के सहयोगियों और रिश्तेदारों के रूप में की गई, जो भारतीय युवाओं की कंबोडिया में तस्करी में शामिल हैं। एनआईए की जांच के अनुसार, ये संदिग्ध नौकरी चाहने वाले युवाओं की विदेश में तस्करी कर रहे थे।


साइबर अपराधियों के तौर-तरीके लगातार बदल रहे हैं। पंजाब के युवाओं को विदेश में अच्छी नौकरी और पैकेज का झांसा दिया जा रहा है। विदेश में नौकरी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटानी चाहिए। विदेश में नौकरी के लिए केवल सरकारी प्रमाणित एजेंसियों के माध्यम से ही आवेदन करें।
-अर्पित शुक्ला, डीजीपी (कानून-व्यवस्था) पंजाब

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