बांका। वैलेंटाइन डे पर एक अनोखी प्रेम कहानी को बांका को मुकाम मिला है। इस प्रेम में न तो बेगम बाधा बनी, न बच्चों की परवरिश की चिंता रही। यहां कि मुस्तफा और मंती की प्रेम कहानी में धर्म की दीवार भी दरक गई। मुस्तफा की पहली पत्नी ने खुशी-खुशी अपनी सौतन को स्वीकार कर लिया, साथ ही बहनों के जैसे रहने की बात कही। कोर्ट ने भी दोनों प्रेमियों को साथ रहने की मंजूरी दे दी। इससे साथ ही बांका में वैलेंटाइन डे पर प्रेम कहानी को मिला मुकाम चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस अनोखी प्रेम कहानी की पटकथा 10 जनवरी को ही लिखी गई थी। टाउन थाना के रामपुर दुधारी गांव की विवाहिता अपने बच्चों को छोड़कर प्रेमी संग फरार हो गई थी। इसके बाद महीने भर से अपने प्रेमी के साथ हैदराबाद में रह रही थी। पति सुनील भुंजार ने टाउन थाना में आवेदन देकर मदौड़ा निवासी मुस्तफा के खिलाफ पत्नी के अपहरण का मामला दर्ज करावाया। युवक की शिकायत के बाद टाउन थाना की एसआई संगीता कुमारी ने महिला को हैदराबाद से बरामद कर न्यायालय में पेश किया।

विवाहिता ने कोर्ट को अपने प्रेमी के साथ रहने की बात कहीं। इसके बाद कोर्ट ने महिला को प्रेमी के साथ रहने का आदेश जारी कर दिया, जानकारी के अनुसार मुस्तफा पहले से शादीशुदा है। उसकी शादी करीब 20 साल पूर्व बीबी लाखो से हुई थी, उससे उसे दो बच्चे भी हैं। प्रेमिका मंती देवी भी पहले से शादीशुदा है। मंती का पति और मुस्तफा पुणे में एक ही जगह रहकर मजदूरी करते थे। इस दौरान मुस्तफा, मंती देवी पर फिदा हो गया। दोनों के बीच फोन पर भी लगातार बात होती रही। इसके बाद दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खा ली।

अनुसंधानकर्ता एसआई संगीता कुमारी ने बताया कि विवाहिता मंती देवी को न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर महिला को उसकी इच्छा के अनुसार मुस्तफा के घर भेज दिया गया है। कोर्ट पहुंची मुस्तफा की पहली बीबी लाखो ने भी मंती के साथ रहने की बात स्वीकारी। कहा कि वह मंती को सौतन नहीं, बल्कि बहन की तरह रखेगी।

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