बरेली। बरेली जिला अस्पताल के कर्मचारी नीरज वाल्मीकि की आत्महत्या के मामले में सोमवार को तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इनमें पिता-पुत्र भी शामिल हैं। एससी एसटी एक्ट में दर्ज मामले की विवेचना सीओ तृतीय करेंगे। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के जाटवपुरा निवासी नीरज जिला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। शुक्रवार को नीरज ने अपने बंद घर में फंदा लगाकर आत्महत्या की थी। इससे पहले उन्होंने सात-सात मिनट के दो वीडियो बनाकर इज्जतनगर पुलिस और पड़ोसी दबंग रामभरोसे के परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे।

नीरज की पत्नी नीतू ने इज्जतनगर थाने में तहरीर देकर राजवीर, रामभरोसे व रामभरोसे के दो बेटों हरीश और श्याम को नामजद कराया था। चारों पर आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की गई। मुकदमा दर्ज कर इज्जत नगर पुलिस ने रामभरोसे, श्याम और राजवीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, हरीश की भूमिका की भी जांच की जा रही है। हरीश रांची में रहता है। पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी।

बताया जा रहा है कि नीरज ने जो मकान राजवीर से खरीदा था उस मकान की जमीन को लेकर पहले से आपसी विवाद था। नीरज से विवाद की बात छिपाकर उसे बैनामा कर दिया गया। मकान बेचने के बाद राजवीर और रामभरोसे ने उसमें कानूनी अड़चन पैदा कर दी। सूत्रों के मुताबिक नीरज के मकान को लेकर कोर्ट में भी कार्रवाई की गई थी। इस वजह से नीरज कानूनी पचड़े में फंसने से अवसाद में आ गए थे। जब भी नीरज अपने मकान पर जाते थे तो रामभरोसे और राजवीर उन्हें परेशान करते थे। उन पर मकान छोड़ने का दबाव बनाते थे। नीरज अपनी महिला साथी को किराये पर रहने के लिए मकान दिखाने ले गए तो उनसे अभद्रता की गई। इससे तनाव में आकर नीरज ने मौत को गले लगा लिया।

एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि नीरज वाल्मीकि की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर पर चार लोगों पर रिपोर्ट लिखकर तीन को जेल भेज दिया गया है। एक आरोपी रांची में रहता है, उसकी भूमिका की भी जांच की जाएगी। वीडियो में तीन साल पहले इज्जतनगर थाने में शिकायत करने की बात कही गई है। एफआईआर से लेकर सामान्य शिकायतों तक का रिकॉर्ड दिखवाया गया, लेकिन नीरज की कोई शिकायत नहीं मिली। विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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