बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के सिकंदराबाद क्षेत्र में सोमवार रात एक दर्दनाक हादसे में सिलेंडर ब्लास्ट से एक घर की छत गिर गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग मलबे में दब गए। यह हादसा इतना भयंकर था कि पूरी इमारत भरभराकर गिर पड़ी और आसपास के लोग स्तब्ध रह गए। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

घटना सिकंदराबाद थाना क्षेत्र के गुलावठी रोड स्थित आशापुरी कॉलोनी की है। रात के समय अचानक एक घर में गैस सिलेंडर फट गया, जिसके बाद घर की छत और दीवारें गिर गईं। घर में उस समय परिवार के कई सदस्य मौजूद थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। धमाके के बाद वहां चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग तत्काल मदद के लिए दौड़े। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए तुरंत पुलिस को सूचित किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर JCB मशीनों को बुलाया गया और मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। पुलिस और फायर ब्रिगेड के साथ स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। अब तक पांच शव मलबे से निकाले जा चुके हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभी भी कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

जैसे ही घटना की सूचना मिली, बुलंदशहर जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह, एसपी सिटी और एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने बताया कि राहत कार्य प्राथमिकता पर है और जल्द से जल्द सभी दबे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है और हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में JCB और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। हालांकि रात का समय होने के कारण बचाव कार्य में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन ने ऑपरेशन को तेजी से अंजाम देने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटा लिए हैं। घटनास्थल पर मेडिकल टीम भी तैनात है, ताकि निकाले गए लोगों को तुरंत उपचार मिल सके।

हालांकि सिलेंडर ब्लास्ट की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इस घटना के पीछे की असली वजह क्या थी, इसका पता लगाने के लिए प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। सिलेंडर के रखरखाव में कोई कमी थी या कोई तकनीकी गड़बड़ी, इसकी जांच की जा रही है। इस हादसे ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है और प्रशासन भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में कदम उठाने पर विचार कर रहा है।

इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि ऐसा हादसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के आने से पहले ही खुद से मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश शुरू कर दी थी। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “धमाका इतना तेज था कि हमें लगा भूकंप आ गया है। जब हम मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ मलबा ही मलबा था और चीख-पुकार मची हुई थी।”

यह दर्दनाक हादसा बुलंदशहर के लोगों के लिए एक बुरी याद बन गया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और राहत प्रयासों से कुछ लोगों की जान बचाई जा सकी है, लेकिन पांच परिवारों के लिए यह रात हमेशा के लिए अंधकारमय हो गई है। सरकार और प्रशासन की ओर से इस तरह की घटनाओं को रोकने और सुरक्षा के उपायों को और सख्त करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।

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