टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने और उसे विकास का मुख्या बिंदु बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई योजनाएं बनाई लेकिन वह सिर्फ सरकारी फाइलों तक ही सीमित रही। इसी सिलसिले में पिछले साल सरकार ने एक इन्वेस्टर समिट का भी आयोजन किया ओर साथ ही उत्तराखंड में तेरह नए टूरिस्ट डेस्टिनेशनों को भी नामांकित किया था, लेकिन इनमें से अभी तक किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन का कार्य कागजों के अलावा धरातल पर नहीं हो पाया है।

वही लंबे समय से एडवेंचर खेलों के लिए मशहूर व पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षक बिंदु रही टिहरी झील के विकास के लिए भी सरकार ने कई बार अखबारों से लेकर टी वी विज्ञापनों तक बड़ी-बड़ी योजनाएं लागू की लेकिन हकीकत में वह योजनाएं कहीं भी धरातल पर देखने को नहीं मिली। लेकिन अब लंबे समय बाद टिहरी झील को संवारने और इसे विश्वस्तरीय बनाने की तैयारी धरातल पर उतरने जा रही है। जिससे कि अब टिहरी झील के साथ-साथ उस से जुड़े हुए आसपास के लगभग 70 से 75 गांवों को भी पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा।

टिहरी झील को सँवारने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया गया है जिसमें वाटर सपोर्ट,एडवेंचर टूरिज्म,रूरल टूरिज्म,वेलनेस टूरिज्म,सांस्कृतिक सम्मेलन,ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ साथ इस से जुड़े हर क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के लिए पर्यटन विभाग को नेशनल डेवलपमेंट बैंक (NDB) की ओर से 1210 करोड रुपए की मदद दी जाएगी। लंबे समय से टिहरी झील के विकास कार्य आधे में अटके हुए हैं और वह इस 44 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैली टिहरी झील के विकास के लिए लगभग ना के बराबर हैं।

एक दशक से भी ज्यादा समय से सरकार और पर्यटन विभाग की सरकारी फाइलों में टिहरी झील के मास्टर प्लान को तैयार करने में लगे हुए थे लेकिन अभी तक यह मास्टर प्लान धरातल पर नहीं उतरा है। पिछले दो तीन सालों में यहां जरूर कुछ वाटर स्पोर्ट्स ओर एडवेंचर स्पोर्ट्सों का आयोजन किया गया, लेकिन वह भी पर्यटन कि लिहाज से उतना प्रभावी साबित नही हुआ, जितना कि उसे किया जाना चाहिए था। हर बार सरकार ने इसके पीछे वितीय ओर आर्थिक सहायता की कमी को ही इसका एक प्रमुख कारण माना,लेकिन अब नेशनल डेवलपमेंट बैंक की तरफ से 1210 करोड़ की सहमति मिलने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि अब पर्यटन के लिहाज से इस झील को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा साथ ही इसके आस पास के गांव को भी टिहरी झील के अनुरुप और पर्यटकों के लिए बनाया जाएगा। ताकि टिहरी झील एक अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशन बन सके। वाटर स्पोर्ट्स के लिए सबसे बेहतरीन स्थलों में से एक टिहरी झील में अब वाटर स्पोर्ट्स के दीवानों को विदेशों में होने वाली स्पोर्ट्स गतिविधियों का एहसास भी कराया जाएगा। इन गतिविधियों में स्कुवा डाइविंग,बोटिंग,राफ्टिंग के साथ-साथ वाटर रेस की नई-नई तकनीकें भी शामिल होंगी। अब देखना यह होगा नेशनल डेवलपमेंट बैंक से 1210 करोड़ की वितीय सहायता से टिहरी झील के मास्टर प्लान को कितनी जल्दी से धरातल पर उतारा जाता है, और कितने समय में टिहरी झील विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना पाती है या फिर सरकार की बाकी योजनाओं की तरह कहीं यह मास्टर प्लान भी सिर्फ सरकार ओर पर्यटन मंत्रालय की सरकारी फाइलों तक ही सीमित न रह जाए।

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