ऊधम सिंह नगर। साइबर ठगों ने हल्द्वानी के बिल्डर से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 90 लाख तीन हजार रुपये की ठगी कर ली। बिल्डर ने कुमाऊं परिक्षेत्र के साइबर थाने में तहरीर देकर पुलिस से ठगी की रकम वापस दिलाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साइबर पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वृंदावन बिल्डर्स फर्म के स्वामी बरेली रोड ओल्ड आईटीआई हल्द्वानी निवासी संजय कुमार पंत ने साइबर थाने में तहरीर सौंपी।

बताया कि उनके फेसबुक अकाउंट पर 30 जुलाई को एक विज्ञापन प्रदर्शित हुआ। उस पर क्लिक किया तो उन्हें जे07 फ्यूचर कैपिटल इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट ग्रुप्स एम स्टॉक नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। 31 जुलाई को एक अन्य व्हाटसएप ग्रुप क्रूती175 से जोड़ा गया। इसमें शेयर मार्केट में पैसा इंवेस्ट करने के नाम पर ट्रेडिंग का प्रशिक्षण दिया गया। एक मुश्त अधिक लाभ कमाने का प्रलोभन देते हुए ठगों ने अपनी कंपनी को इंटरनेशनल बताया और 12 अगस्त को उन्हें एक अन्य ग्रुप से जोड़ा।

ग्रुप के माध्यम से उनका डीमैट खाता भेजा गया। इसमें लिंक के जरिये उन्होंने उसी दिन चेक के जरिये पांच लाख रुपये ट्रेडिंग के लिए जमा किए। उन्हें वाॅलेट में 6.50 रुपये की राशि दिखाई गई। इसके बाद 22 अगस्त को उन्होंने सात लाख रुपये जमा किए। मुनाफा दिखाने के बाद और अधिक लाभ के लिए आईपीओ खरीदने का प्रलोभन दिया गया। विश्वास करते हुए उन्होंने 20 लाख रुपये जमा कर दिए। इसके बाद उनसे लकी ड्राॅ में 40 हजार शेयर जीतने की बात कही गई।

वाॅलेट की धनराशि भी करीब 62 लाख रुपये प्रदर्शित हो रही थी। उन्होंने रुपये निकालने चाहे तो बताया गया कि उन्हें 58 लाख तीन हजार रुपये तत्काल जमा करने होंगे, ऐसा नहीं करने पर धनराशि फ्रीज करने की धमकी दी गई। इस पर उन्होंने छह सितंबर को दो आरटीजीएस से 58,03000 रुपये जमा किए। इसके बाद फिर उन्हें तीन लाख शेयर जीतने और बतौर जमानत 30 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया। इस पर उन्हें संदेह हुआ। साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

ओमेक्स रुद्रपुर निवासी मोहन चंदोला ने साइबर थाने में दी तहरीर में बताया कि उन्होंने फेसबुक पर स्टाॅक मार्केटिंग के विज्ञापन पर क्लिक किया तो उन्हें बीती 26 अगस्त को अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया। ग्रुप एडमिन ने खुद को शेयर मार्केट का एक्सपर्ट बताते हुए रैलीगेयर पोर्टल वेब पर ट्रेडिंग करने के लिए प्रेरित किया। उसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराकर अकाउंट खोल लिया। शुरुआत में उसने 15 हजार रुपये किस्त जमा कराई। बाद में तीन सितंबर को 3.70 लाख और पांच सितंबर को 14.70 लाख रुपये जमा किए।

झांसे में लेकर ट्रेडिंग एकाउंट में लोन के नाम पर करीब एक करोड़ के आईपीओ अलाट करवा दिए। इसके बाद 83 लाख 83 हजार 710 रुपये का लोन उनके ट्रेडिंग एकाउंट में डाल दिया गया, जिसमें पांच दिन का ब्याज 2,51 लाख रुपये जोड़ा गया। इस दौरान उन्होंने धनराशि नहीं निकालने की कोशिश की ता खाते पर ऑटोमेटिक लॉक लगना बताया गया। लॉक खोलने के लिए धनराशि की मांग करने लगे, तो उसे धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उनके साथ कुल 18.55 लाख की ठगी हुई।

दूसरे मामले में ओमेक्स रिविएरा रुद्रपुर निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह ने दी तहरीर में बताया कि उसने भी फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग का विज्ञापन देखने के बाद पर क्लिक किया तो इन्वेस्टमेंट स्टेटजी सेमिनार नामक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड गया। उसने ग्रुप एडमिन के अनुसार एक ट्रेडिंग एकाउट खोला। एक बार ट्रेडिंग में 18 हजार रुपये उसके खाते में भी ट्रांसफर किए। लालच में आकर आईपीओ व शेयर खरीदने के लिए अपने खाते से पांच अगस्त से दो सितंबर के बीच 7.23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस प्रकार 10.68 लाख रुपये जमा करा लिए। आईपीओ चार्ट उसका प्रोफिट करीब 52 लाख रुपये दिखा रहा था। जब उसने 10 लाख की निकासी करने के लिए आवेदन किया तो उसका खाता होल्ड कर दिया गया।

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