उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के पालकुराली गांव से पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक तस्वीर काफी वायरल हो रही थी। खबर के मुताबिक यहाँ पर एक परिवार की तीन बच्चियां अनाथ हो गई और उन अनाथ बच्चों की देखभाल अब उनकी 70 वर्षीय बूढ़ी दादी मां कर रही हैं।
सोशल मीडिया और अखबारों में सुर्खी बनी इस खबर पर कई लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी और कई लोगों ने बढ़-चढ़कर इस परिवार को अपने अपने स्तर पर मदद करने का आश्वासन दिया।
इन्हीं में से एक था समूण फाउंडेशन जिसे इस घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत अगले दिन समूण फाउंडेशन के सदस्य उस परिवार के पास पहुंचे और उनकी स्थिति का जायजा लिया।
इसके बाद समूण फाउंडेशन के सदस्यों ने इस परिवार के लिए तुरंत जरूरी सामान और राशन की उचित व्यवस्था की, साथ ही उन्होंने जंगलात द्वारा तोड़े गए इस परिवार के पुराने आशियाने को तोड़ने का मामला भी लोगों के संज्ञान में लाया। जिसके बाद आसपास के गांव वालों और क्षेत्र के अधिकारियों के बीच अभी इस मामले पर आगे की बातचीत चल रही है।
आपको बता दें कि हमेशा मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहने वाला समूण फाउंडेशन आज उत्तराखंड के कई जिलों में अपनी सेवा भाव व मानवता की सहायता से नई नई मिसाल पेश कर रहा है।
यह NGO उत्तराखंड में वर्तमान समय में कई क्षेत्रों में बहेतरीन कार्य कर रहा है जिनमें समूण द्वारा संचालित होने वाले कंप्यूटर सेंटर, महिला समूह और महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए सिलाई सेंटर,बच्चों की शिक्षा को बहेतर बनाने के लिये स्कूल,स्वस्थ सेवायें व अन्य अन्य कई तरह की जरूरी सहयातायें शामिल हैं।
कोरोना कॉल में पेश की मिसाल
जब पूरा देश कुछ महीनों पहले कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था तब समूण फाउंडेशन अपनी पूरी तत्परता के साथ उत्तराखंड के दूर-दराज के गांव-गांव में जरूरतमंद लोगों तक बस एक ही फ़ोन कॉल और एक पत्र के माध्यम से ही अपनी सेवा पहुंचा रहा था।
समूण फाउंडेशन ने कोरोना काल में उत्तराखंड में लोगों के घरों घरों तक जाकर दवाइयां,सैनिटाइजर, मास्क, ऑक्सीमीटर,ऑक्सीजन तथा अन्य कई सामान जरूरतमंद सामान लोगो तक पहुँचाये। जिनकी मदद से कई लोग इस कोरोना महामारी की बीमारी से उबर कर स्वस्थ हो पाये।
पिछले कुछ सालों से उत्तराखंड के गांव-गांव में लगातार बेहतर काम करते आ रहे इस NGO ने बहुत कम समय में अपनी छाप छोड़ी है और अपने काम के जरिए एक नई मिसाल पेश की है। तभी तो आज हर मुसीबत के समय मे गरीब और बेसहारा लोगों को समूण एक नई रोशनी के रूप में दिखाई देता है।
समूण फाउंडेशन का संचालन विनोद जेठूडी व उनके साथियों द्वारा किया जाता है जो कि वर्तमान में विदेश के अलग-अलग कोनों में कार्यरत होते हुए भी अपने उत्तराखंड के लोगों की सहायता के लिये सदैव आगे रहते हैं। आज इस फाउंडेशन के साथ उत्तराखंड तथा देश-विदेश से हजारों युवा जुड़े हुए हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करते हुए भी इस फाउंडेशन के जरिए जरूरतमंद लोगों की सहायता करने का काम करते हैं।